शब्दों के धागे से बुने ख्वाबों को वास्तविकता से जोड़ती.. शब्दों के धागे से बुने ख्वाबों को वास्तविकता से जोड़ती..
आदर्श स्थिति कहाँ है! शायद अपनी परिकल्पना में!! आदर्श स्थिति कहाँ है! शायद अपनी परिकल्पना में!!
ख़ुद में रह कर वक़्त बिताओ तो अच्छा है, ख़ुद का परिचय ख़ुद से कराओ तो अच्छा है। ख़ुद में रह कर वक़्त बिताओ तो अच्छा है, ख़ुद का परिचय ख़ुद से कराओ तो अच्छा है।
हम भूल जाते हैं कि हम , नायक बनेंगे निज व्यंग करना पड़ेगा ! दूसरों के दुखको को पास , हम भूल जाते हैं कि हम , नायक बनेंगे निज व्यंग करना पड़ेगा ! दूसरों के दुखको...
बरखा इस बार मैं भी धो लूँ अपना मन तेरे आंचल से , तू आये रीत रुत की निभाने बहे नदि बरखा इस बार मैं भी धो लूँ अपना मन तेरे आंचल से , तू आये रीत रुत की निभाने...
करना अपना कर्म तू ईमानदारी से, पढ़ाना तू बिना किसी रेज़गारी के, अपने इस नेक संकल्प के करना अपना कर्म तू ईमानदारी से, पढ़ाना तू बिना किसी रेज़गारी के, अपने इस नेक ...